दुनिया ने देखी इनकी रफ्तार, कप्तान बनाए जाने की मांग
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया से हारकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम भले ही बाहर हो गई हो लेकिन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वहाब रियाज की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे पूर्व दिग्गज क्रिकेटर हैरत में है लेकिन इसके लिए वहाब रिजाय को काफी मेहनत करनी पड़ी थी।
क्रिकेट वेबसाइट "इएसपीएन क्रिकइंफो" को वहाब रियाज ने बताया कि जब वे 6 साल के थे तब वर्ल्ड कप 1992 के दौरान उन्होंने वसीम अकरम को गेंदबाजी करते हुए देखा था और तभी मैंने लेफ्ट ऑर्म तेज गेंदबाज बनने का फैसला कर लिया था। तब से मैं उनकी गेंदबाजी को देखकर उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था।
लेकिन मेरी गेंदों में रफ्तार और जान नहीं थी कि वो बल्लेबाजों को डरा सके। 17 साल की उम्र में मेरी रफ्तार सिर्फ 110 किमी प्रति घंटे की थी, लेकिन आकिब जावेद ने मुझ पर बहुत मेहनत की।
रियाज ने कहा कि शुरुआत में मुझे नहीं पता था कि कहां गेंदबाजी करनी है। लेकिन मेरी कोशिश तेज गेंद करने की होती इस तरह मैंने रफ्तार हासिल की।
अंडर-17 और 19 में मेरी रफ्तार 110-120 किमी थी। वे हमेशा कहते थे कि अगर तुम तेज गेंद नहीं फेंक सकते तो तेज गेंदबाज नहीं बन पाओगे। 6-7 साल तक कड़ी मेहनत के बाद मैं तेज गेंदबाजी करने लगा।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कई महान खिलाड़ी है। इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस, ये सभी महान क्रिकेटर है, जबकि शोएब अख्तर वर्ल्ड के सबसे बेस्ट बॉलर थे।
इन क्रिकेटरों में निश्चित तौर पर वसीम अकरम ने मुझे प्रभावित किया। जब मैं बहुत छोटा था तब मैंने उन्हें वर्ल्ड कप 1992 में गेंदबाजी करते हुए देखा था।
मैं उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था। मैं वसीम अकरम की तरह बनना चाहता था और निश्चित तौर पर मैं उनसे प्रभावित रहा हूं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के इस लेफ्ट हैंड गेंदबाज ने वर्ल्ड कप 2015 में कुल 16 विकेट चटकाए है और सबसे ज्यादा विकेट लेने वालो की सूची में पांचवें नंबर पर हैं।
मिसबाह-उल-हक पूर्व घोषित संन्यास की वजह से वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले वहाब रियाज को पाकिस्तान टीम का कप्तान बनाए जाने की मांग उठने लगी है।
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया से हारकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम भले ही बाहर हो गई हो लेकिन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वहाब रियाज की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे पूर्व दिग्गज क्रिकेटर हैरत में है लेकिन इसके लिए वहाब रिजाय को काफी मेहनत करनी पड़ी थी।
क्रिकेट वेबसाइट "इएसपीएन क्रिकइंफो" को वहाब रियाज ने बताया कि जब वे 6 साल के थे तब वर्ल्ड कप 1992 के दौरान उन्होंने वसीम अकरम को गेंदबाजी करते हुए देखा था और तभी मैंने लेफ्ट ऑर्म तेज गेंदबाज बनने का फैसला कर लिया था। तब से मैं उनकी गेंदबाजी को देखकर उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था।
लेकिन मेरी गेंदों में रफ्तार और जान नहीं थी कि वो बल्लेबाजों को डरा सके। 17 साल की उम्र में मेरी रफ्तार सिर्फ 110 किमी प्रति घंटे की थी, लेकिन आकिब जावेद ने मुझ पर बहुत मेहनत की।
रियाज ने कहा कि शुरुआत में मुझे नहीं पता था कि कहां गेंदबाजी करनी है। लेकिन मेरी कोशिश तेज गेंद करने की होती इस तरह मैंने रफ्तार हासिल की।
अंडर-17 और 19 में मेरी रफ्तार 110-120 किमी थी। वे हमेशा कहते थे कि अगर तुम तेज गेंद नहीं फेंक सकते तो तेज गेंदबाज नहीं बन पाओगे। 6-7 साल तक कड़ी मेहनत के बाद मैं तेज गेंदबाजी करने लगा।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कई महान खिलाड़ी है। इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस, ये सभी महान क्रिकेटर है, जबकि शोएब अख्तर वर्ल्ड के सबसे बेस्ट बॉलर थे।
इन क्रिकेटरों में निश्चित तौर पर वसीम अकरम ने मुझे प्रभावित किया। जब मैं बहुत छोटा था तब मैंने उन्हें वर्ल्ड कप 1992 में गेंदबाजी करते हुए देखा था।
मैं उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था। मैं वसीम अकरम की तरह बनना चाहता था और निश्चित तौर पर मैं उनसे प्रभावित रहा हूं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के इस लेफ्ट हैंड गेंदबाज ने वर्ल्ड कप 2015 में कुल 16 विकेट चटकाए है और सबसे ज्यादा विकेट लेने वालो की सूची में पांचवें नंबर पर हैं।
मिसबाह-उल-हक पूर्व घोषित संन्यास की वजह से वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले वहाब रियाज को पाकिस्तान टीम का कप्तान बनाए जाने की मांग उठने लगी है।