सही मायनों में भारतीय बैडमिंटन का ये हैं 'प्रकाश'


बॉलीवुड की मस्तानी गर्ल दीपिका पादुकोण को आज हर कोई जानता है, लेकिन उनके तमाम चाहने वालों को यह बताना चाहूंगा कि उनके पिता प्रकाश पादुकोण उनसे कई गुना अधिक सफल और चर्चित सख्शियत रहे हैं।

10 जून 1955 में कर्नाटक के खेल प्रेमी परिवार में जन्में प्रकाश पादुकोण को बचपन से ही खेल का वातावरण मिला। नतीजन, प्रकाश पादुकोण की रूचि बचपन से ही बैडमिंटन और हॉकी में थी। लेकिन उन्होंने बैडमिंटन को चुना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया।



यद्यपि भारत ने बैडमिंटन में कई महान एकल खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन भारतीय बैडमिंटन के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण पर सबसे गहरा असर प्रकाश पादुकोण ने डाला।

इए प्रकाश पादुकोण के जन्मदिन पर आपको उनकी कुछ बड़ी उपलब्धियों से रू--रू कराते हैं-

1- साल 1980 में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। साथ ही दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी भी।

2- उन्हें 1972 में अर्जून अवार्ड और 1982 में पद्मश्री से नवाजा गया।


3- प्रकाश पादुकोण ने 1978 में राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल मुकाबले में गोल्ड जीता, जो उनका पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब था।


4- प्रकाश पादुकोण के जीवन पर आधारित देव एस सूर्य कुमार ने 'टच प्ले' नामक किताब लिखी है। यह किसी भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी के जीवन पर आधारित पहली किताब है।


5-
प्रकाश पादुकोण ने लगातार नौ बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीतने का रिकॉर्ड कायम किया। 

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