लोकेश राहुल ने रचा इतिहास, 39 साल बाद हुआ कुछ ऐसा


भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल ने जिम्बाब्वे दौरे पर मेजबान टीम के खिलाफ अपने पहले मुकाबले में ही शानदार उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया है।

दरअसल, जिम्बाब्वे से जीत के लिए मिले 169 रनों के लक्ष्य का पीछा करने भारतीय टीम की ओर से डेब्यू मैच खेलने वाले लोकेश राहुल ने अंबाती रायुडू के साथ मिलकर मेजबना टीम के गेंदबाजों की धुनाई करते हुए शतक जड़ा और टीम को 9 विकेट से जीत दिलाई।

इस जीत के साथ ही लोकेश राहुल भारतीय टीम की ओर से डेब्यू मैच में शतक जड़कर इतिहास रच दिया और वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बने।

लोकेश राहुल ने 115 गेंदों में 7 चौके और 1 छक्के की मदद से नाबाद 100 रन बनाए। वहीं अंबाती रायुडू 120 गेंदों में 5 चौके की मदद से 62 रन बनाकर नाबाद रहे।


बतौर ओपनर ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ीः

इतना ही नहीं लोकेश बतौर ओपनर टेस्ट और वनडे मैच में शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। राहुल ने टेस्ट डेब्यू 2014 में किया था और मध्यक्रम में खेलते हुए पहली और दूसरी पारी में क्रमशः 3 और 1 रन ही बना सके थे। इसके बाद 6 जनवरी 2015 को टेस्ट मैच में ओपनिंग का मौका मिला, जिसमें उन्होंने एक छक्के और 13 चौके की मदद से 110 रन बनाए थे। और अब वनडे में बतौर ओपनिंग शतक जड़कर टेस्ट और वनडे में ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। 

रॉबिन उथप्पा को पीछे छोड़ाः

इससे पहले भारतीय टीम की ओर से डेब्यू मैच में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड रॉबिन उथप्पा के नाम था। उथप्पा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में शानदार 86 रनों की पारी खेली थी। लेकिन अब जिम्बाब्वे के खिलाफ लोकेश राहुल ने शानदार शतक जड़कर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।





अंबाती रायुडू के नाम उपलब्धिः

भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 62 रनों की पारी खेलने के साथ ही वनडे करियर की 29 पारियों में 1000 रन बनाने के साथ वो संयुक्त रूप से यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। भारतीय एकदिवसीय टीम के कप्तान एमएस धोनी ने भी 29 पारियों में 1000 रनों के आंकड़े को छुआ था।

39 साल बाद हुआ पहली बार ऐसाः

जिम्बाब्वे से जीत के लिए मिले 169 रनों के लक्ष्य का पीछा करने भारतीय टीम की ओर से दो पदार्पण करने वाले खिलाड़ी लोकेश राहुल और करुण नायर ने ओपनिंग बैट्समैन के तौर पर मैदान पर उतरे। 39 साल बाद यह पहला मौका है जब पदार्पण करने वाले दो खिलाड़ियों ने भारतीय टीम की ओर से ओपनिंग की।इससे पहले भारतीय टीम की ओर से 1976 में पदार्पण करने वाले खिलाड़ी पार्थसारथी शर्मा और दिलीप वेंगसरकर ने ओपनिंग की थी।

भारतीय टीम का खराब प्रदर्शनः


भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे से जीत के लिए मिले 169 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पहले तीस ओवर में सिर्फ 91 रन बनाए जो पिछले दस सालों में सबसे खराब प्रदर्शन हैं। 

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