क्या ये खिलाड़ी युवी जैसा दिखा पाएंगे कमाल?
वर्ल्ड कप 2011 में शानदार प्रदर्शन करने वाले धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर है। उन्हें हर चार साल में होने वाले क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ के लिए इस बार टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया है।
ऐसे में किसी एक भारतीय खिलाड़ी को वर्ल्ड कप 2011 में जैसी भूमिका युवराज सिंह ने निभाई थी वैसा ही प्रदर्शन इस वर्ल्ड कप में करना होगा। आइए उन क्रिकेटरों पर डालते हैं नजर जिनसे युवराज जैसा प्रदर्शन करने की उम्मीद भारतीय प्रशंसक कर रहे होंगे।
सुरेश रैनाः भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना हालाकि त्रिकोणीय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 51 रनों की शानदार पारी खेलने के अलावा कुछ खास नहीं कर सके थे। लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ वार्म-अप मुकाबले में शानदार 75 रनों की पारी के अलावा 1 विकेट चटका कर वर्ल्ड कप के लिए हुंकार भरी है। भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना ने साल 2014 में 17 मैचों में 539 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक, 3 अर्धशतक जड़े हैं। सुरेश रैना से युवी जैसा प्रदर्शन की उम्मीद इसलिए भी बढ़ जाती है। क्योंकि उन्होंने ही युवराज सिहं के साथ मिलकर भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था।
स्टुअर्ट बिन्नीः वर्ल्ड कप 2015 के लिए भारतीय टीम में चयनित किए गए स्टुअर्ट बिन्नी युवराज सिंह की तरह गेंद और बल्ले से कमाल दिखा सकते हैं। हालाकि बिन्नी को युवी की तरह वनडे मैच खेलने का अनुभव नहीं हैं लेकिन कैप्टन कूल ने उन पर भरोसा जताया है। ऐसे में भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद हैं कि बिन्नी अपने हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम को जीत दिलाएंगे। बिन्नी ने 9 वनडे मैचों में 91 रन बनाए हैं। वनडे में उनका सर्वोच्च स्कोर 44 रन है। गेंदबाजी की बात करें तो 9 वनडे मैचों में 4.52 की इकॉनमी से 13 विकेट चटकाए हैं, जिनमें एक बार 5 विकेट झटकने का कारनामा भी शामिल हैं।
वर्ल्ड कप 2011 में युवराज सिंहः
टीम इंडिया से बाहर चल रहे युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल मुकाबले में गेंद और बल्ले से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस तरह से शानदार प्रदर्शन किया था, उसे क्रिकेट फैंस भूले नहीं होंगे।
युवी की धमाकेदार पारी का ही कमाल था कि एक समय पर 187 रनों पर 5 विकेट गंवाने के बाद संकट में भी फंसी टीम इंडिया की नैया को पार लगाया था। ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान रिकी पोंटिंग (104) के शतक से छह विकेट पर 260 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया था।
भारतीय टीम के सबसे बडे़ फिनिशर युवराज ने सुरेश रैना (नाबाद 34) के साथ छठे विकेट के लिए 74 रन की अविजित साझेदारी करते हुए भारत को जीत की मंजिल पर पहुंचा दिया था।
युवराज ने 67 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से शानदार नाबाद 57 रन बनाए जबकि रैना ने 28 गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 34 रन की तूफानी पारी खेली।
युवराज का टूर्नामेंट में यह तीसरा अर्धशतक था। युवराज ने बल्ले का कमाल दिखाने से पहले गेंदबाजी में भी अपने हाथ दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट चटाकाए थे। युवी की इस पारी को बेहतरीन पारी के रूप में याद किया जाता है।
युवराज ने अपनी इस पारी के दौरान वनडे में आठ हजार रन भी पूरे कर लिए। साथ ही वह एक विश्वकप में 300 रन और दस विकेट लेने वाले इतिहास के चौथे खिलाड़ी बन गए।
भारत ज्यों-ज्यों जीत की तरफ बढ़ रहा था, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की हताशा बढ़ती जा रही थी। युवराज ने जैसे ही विजयी चौका मारा, मोटेरा स्टेडियम में मौजूद 65 हजार दर्शक खुशी से झूम उठे। सेमीफाइनल में भारतीय टीम का सामना चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान की टीम से हुआ था।
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